CHEQUE BOUNCE केस दायर करने के लिए, आमतौर पर एक ही बार चेक बाउंस होना काफी होता है। भारतीय कानून के तहत, विशेष रूप से NEGOTIABLE INSTRUMENTS ACT की धारा 138 के तहत, चेक बाउंस के मामले में केस दायर करने के लिए निम्नलिखित शर्तें पूरी करनी होती हैं:
चेक बाउंसः CHEQUE को कम से कम एक बार BOUNCE होना चाहिए और यह BOUNCE होना बैंकों द्वारा CHEQUE की राशि के लिए FUNDS की कमी या किसी अन्य कारण से होना चाहिए।
LEGAL नोटिस: चेक बाउंस होने के बाद, DRAWEE को 30 दिनों के भीतर कानूनी नोटिस भेजना चाहिए, जिसमें BOUNCE CHEQUE की राशि की मांग 15 दिनों के भीतर करने की जाती है।
CASE FILE करना: LEGAL नोटिस भेजने के बाद यदि PAYMENT भी यदि पेमेंट प्राप्त नहीं होती है तो शिकायतकर्ता को 30 दिनों के भीतर MAGISTRATE COURT में केस दायर करना होता है।
सारांश में:
- एक ही बार CHEQUE के BOUNCE होने पर आप CASE दायर कर सकते हैं, बशर्ते सभी कानूनी प्रक्रियाएँ पूरी की गई हों।
- यदि एक ही चेक कई बार बाउंस होता है, तो भी एक बार केस दायर किया जा सकता है, लेकिन हर BOUNCE के मामले में समय सीमा का पालन करना जरूरी है।
चेक बाउंस केस की प्रक्रिया और संबंधित कानूनी प्रावधानों के बारे में विस्तृत जानकारी के लिए CHEQUE BOUNCE ADVISOR (CBA) के कानूनी विशेषज्ञ से परामर्श करना उचित रहेगा। CHEQUE BOUNCE ADVISOR भारत की सबसे तेजी से उभरती हुई MONEY RESOLUTION PROVIDER फर्म है जिन्हे आप 24 X 7 इनके हेल्पलाइन नंबर 989-11-88400 से निशुल्क (लिमिटेड समय के लिए सम्पर्क कर सकते है।